बराबर की गुफाओं का इतिहास द्वापर युग के समय का है। इस स्थान से जुड़ी कई पौराणिक कहानियाँ है। यहाँ हिन्दू धर्म से जुड़ी कहानियाँ है तो यहाँ बौद्ध धर्म से जुड़ी ऐतिहासिक गुफाएँ भी हैं। इन सबमे जो बढ़कर है वो है इस स्थान पर फैला प्राकृतिक सौन्दर्य। नागार्जुन पर्वत शृंखला के बीच मे पहाड़ की चट्टानों को काटकर बनाई गयी सतघरवा गुफा किसी अजूबे से कम नहीं है। गुफा के अंदर की दीवार शीशे की तरह चमकती है। उस जमाने मे जब ना मशीनें रही होंगी ना बिजली तब कारीगरों ने कितनी मेहनत से इन गुफाओं को बनाया होगा, यह सोच कर मन आज भी आश्चर्य से भर जाता है।
बराबर एवं सतघरवा की गुफाएँ देखने के लिए आप गया या जहानाबाद दोनों तरफ से आ सकते हैं। यदि आप गया की तरफ से आते हैं तो गया - इस्लामपुर मार्ग मे कुड्बा बाजार से पश्चिम जाने वाले मार्ग से सीधे बराबर पहुँच सकते हैं या फिर आप मखदूमपूर स्टेशन से भी बराबर के लिए आ सकते हैं। कृपया बाबा सिद्धनाथ मंदिर एवं बराबर गुफाओं के मार्ग मे प्लास्टिक का कचरा न फैलाएँ एवं प्लास्टिक का कोई सामान न ले जाएँ। इस प्राकृतिक स्थल को स्वच्छ रखने मे आपका सहयोग आवश्यक है।
नीचे दिये गए वीडियो मे भी आप बराबर की गुफाओं के दृश्य देख सकते हैं। किसी भी तरह की जानकारी के लिए वीडियो के कमेन्ट सेक्शन मे अपनी टिप्पणी रखें।
जय बाबा सिद्धनाथ
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